कन्हैया देशद्रोही हो जाता है , तो स्मृति ईरानी का अभिनय सत्यमेव जयते । वे मंत्री , नेता जो असल में देशद्रोही हैं और हत्या, चोरी , बलात्कार के आरोपी हैं और संसद में बैठे हैं वे देशप्रेम का स्वांग रचते हैं , करोड़ों के बैंक लोन को डकार कर राज्य सभा सदस्य होने के नाते सज़ा में छूट चाहने वाले खुद को पवित्र मानते हैं । प्रधनमंत्री को सत्यमेव जयते का प्रयोग करना चाहिए लेकिन तब, जब वे इसकी शुचिता को सुनिश्चित कर सकें - लेकिन शायद उन्हें भी इसका अर्थ उल्टा ही सिखाया गया हो ।
विचार पक्षियों जैसे होते हैं। मस्तिष्क के विशाल और अनंत फलक पर वे बादलों की तरह अचानक आते हैं, आकृतियाँ बदलते हैं, पक्षियों की तरह मँडराते हैं और फिर दूर कहीं गुम हो जाते हैं। बाज़ीचा-ए-अत्फाल है दुनियाँ मेरे आगे, होता है शब ओ रोज़ तमाशा मेरे आगे। इन्हीं तमाशों पर जो विचार आकार लेते हैं उन्हें पकड़ने का प्रयास है यह चिट्ठा। आपको अच्छा लगे तो एक लघु चिप्पी चस्पा करना ना भूलें।
6 मार्च 2016
सत्यमेव जयते
कन्हैया देशद्रोही हो जाता है , तो स्मृति ईरानी का अभिनय सत्यमेव जयते । वे मंत्री , नेता जो असल में देशद्रोही हैं और हत्या, चोरी , बलात्कार के आरोपी हैं और संसद में बैठे हैं वे देशप्रेम का स्वांग रचते हैं , करोड़ों के बैंक लोन को डकार कर राज्य सभा सदस्य होने के नाते सज़ा में छूट चाहने वाले खुद को पवित्र मानते हैं । प्रधनमंत्री को सत्यमेव जयते का प्रयोग करना चाहिए लेकिन तब, जब वे इसकी शुचिता को सुनिश्चित कर सकें - लेकिन शायद उन्हें भी इसका अर्थ उल्टा ही सिखाया गया हो ।
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