बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों में हर साल इस समय एक भीषण बीमारी फैलती है जिसमें हजारों (बढ़ा चढ़ा कर नहीं सच बता रहा हूँ ) बच्चे मर जाते हैं। यह बीमारी है तो एन्सिफेलाइटिस या दिमागी बुखार पर सरकारी स्वस्थ मशीनरी इसे स्वेईकार नहीं करती। जब बीमारी फैलती है तो सरकार मुआवजा दे देती है और विशेषज्ञ भेज देती है। ये विशेषज्ञ सरकारी गेस्ट हाउस में रुकते हैं, स्थानीय स्वस्थ्य अधिकारियों की मेजबानी स्वीकार करते हैं, तर माल खाते हैं और रिपोर्ट बना कर देते हैं की यह बीमारी एन्सिफेलाइटिस नहीं है बल्कि उससे मिलती जुलती है। क्या है पता नहीं फिलहाल नाम की सुविधा के लिए इसे एक्यूट एन्सिफेलाइटिस सिंड्रोम (अर्थात तेज़ एन्सिफेलाइटिस जैसे लक्षण) कह दिया जाता है।
विचार पक्षियों जैसे होते हैं। मस्तिष्क के विशाल और अनंत फलक पर वे बादलों की तरह अचानक आते हैं, आकृतियाँ बदलते हैं, पक्षियों की तरह मँडराते हैं और फिर दूर कहीं गुम हो जाते हैं। बाज़ीचा-ए-अत्फाल है दुनियाँ मेरे आगे, होता है शब ओ रोज़ तमाशा मेरे आगे। इन्हीं तमाशों पर जो विचार आकार लेते हैं उन्हें पकड़ने का प्रयास है यह चिट्ठा। आपको अच्छा लगे तो एक लघु चिप्पी चस्पा करना ना भूलें।
5 अक्टू॰ 2012
4 अक्टू॰ 2012
अखिलेश सरकार के 6 महीने और आशाओं का टूटना
अखिलेश सरकार को 6 महीने हो गए हैं और यूपी अब भी वैसा ही है। आशाएँ टूट रहीं हैं। प्राइमटाइमों में बैठ कर बकैती करने वाले बातों के वीर अखिलेश के युवा होने को ले कर ऐसे उत्साहित थे जैसे उनसे पहले और कोई युवा नहीं हुआ। एक और युवा हैं हमारे देश में जिनको ले कर ऐसे ही जानकारों को बहुत आशाएँ हैं।
3 अक्टू॰ 2012
क्यों मुझे गाँधी पसंद नहीं है ?
क्यों मुझे गाँधी पसंद नहीं है ?
इन्टरनेट पर गांधी जयंती के दिन ही फेसबुक पर एक पोस्ट टैग की गयी जिसका शीर्षक था - क्यों मुझे गाँधी पसंद नहीं है ? इसने मुझे आहात कर दिया। इसमें वही गलत तथ्य थे जिन्हें ले कर गांधी जी को बदनाम किया जाता है मसलन भगत सिंह, 55 करोड़ आदि। प्रस्तुत है पूरी रिसर्च के साथ इन गलत तथ्यों के पीछे के सही तथ्य जो पिछले 60 वर्षों से अनेक गोडसे के पुत्र गांधी की बार बार हत्या करने के लिए प्रयोग करते हैं। आशा है आपमें से बहुतों की गलतफहमियां दूर होंगी और आप अपने प्यारे देश और इसके महान स्वतन्त्रता शहीदों को सम्मान देना सीख पाएंगे बजाय टुच्ची विचारधारा वाली राजनीति का शिकार बनने और खुद की नज़रों में गिरने के। यह लेख मैंने आरोप और उनके उत्तर के रूप में लिखा है। आरोप उन महोदय के हैं जिन्होंने मुझे टैग किया था और उत्तर मेरे हैं।
इन्टरनेट पर गांधी जयंती के दिन ही फेसबुक पर एक पोस्ट टैग की गयी जिसका शीर्षक था - क्यों मुझे गाँधी पसंद नहीं है ? इसने मुझे आहात कर दिया। इसमें वही गलत तथ्य थे जिन्हें ले कर गांधी जी को बदनाम किया जाता है मसलन भगत सिंह, 55 करोड़ आदि। प्रस्तुत है पूरी रिसर्च के साथ इन गलत तथ्यों के पीछे के सही तथ्य जो पिछले 60 वर्षों से अनेक गोडसे के पुत्र गांधी की बार बार हत्या करने के लिए प्रयोग करते हैं। आशा है आपमें से बहुतों की गलतफहमियां दूर होंगी और आप अपने प्यारे देश और इसके महान स्वतन्त्रता शहीदों को सम्मान देना सीख पाएंगे बजाय टुच्ची विचारधारा वाली राजनीति का शिकार बनने और खुद की नज़रों में गिरने के। यह लेख मैंने आरोप और उनके उत्तर के रूप में लिखा है। आरोप उन महोदय के हैं जिन्होंने मुझे टैग किया था और उत्तर मेरे हैं।
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