22 दिस॰ 2014

मुखौटा

पीके - बीजेपी 
मुखौटा बहुपयोगी होता है। आपकी इज्जत बढ़ाता है। अपने दैनिक जीवन में हम सब मुखौटे ओढ़ते हैं । मुखौटे आज की दुनियाँ में सफलता की नींव हैं।लेकिन मुखौटों के साथ समस्या यही है कि उनका होना आपमें ऊहापोह पैदा करता है। साध्य को पाने के बाद आप मुखौटा हटाना चाहते हैं लेकिन यह आसान नहीं।

बीजेपी ने भी ये मुखौटे ओढ़े हैं और हर बार मुखौटों को उतारना उसके लिए द्विविधा का सबब रहा है। यह दुविधा गुजरात दंगों के दौरान भी देखी गयी थी जब पार्टी अंदर ही अंदर मुदित थी पर मुखौटा "राजधर्म" कह कर लानतें भेज रहा था और आज भी जब मुखौटा "विकास" कर रहा है तो असल "घर वापसी, पाठ्यक्रम सुधार, संस्कृत पाठन, लव जिहाद करा रहा है । हुआ तब भी कुछ नहीं था होना अब भी कुछ नहीं है। 

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