22 दिस॰ 2014

मुखौटा

पीके - बीजेपी 
मुखौटा बहुपयोगी होता है। आपकी इज्जत बढ़ाता है। अपने दैनिक जीवन में हम सब मुखौटे ओढ़ते हैं । मुखौटे आज की दुनियाँ में सफलता की नींव हैं।लेकिन मुखौटों के साथ समस्या यही है कि उनका होना आपमें ऊहापोह पैदा करता है। साध्य को पाने के बाद आप मुखौटा हटाना चाहते हैं लेकिन यह आसान नहीं।

बीजेपी ने भी ये मुखौटे ओढ़े हैं और हर बार मुखौटों को उतारना उसके लिए द्विविधा का सबब रहा है। यह दुविधा गुजरात दंगों के दौरान भी देखी गयी थी जब पार्टी अंदर ही अंदर मुदित थी पर मुखौटा "राजधर्म" कह कर लानतें भेज रहा था और आज भी जब मुखौटा "विकास" कर रहा है तो असल "घर वापसी, पाठ्यक्रम सुधार, संस्कृत पाठन, लव जिहाद करा रहा है । हुआ तब भी कुछ नहीं था होना अब भी कुछ नहीं है। 

15 दिस॰ 2014

वे काम पर हैं

प्रधानमंत्री जी हवाई माध्यमों के मुरीद हैं । वे नेता हैं जो खुद में एक हवाई कैरियर है .... कुछ भी नहीं होता उसके पास फिर भी सब कुछ होता है । वह सेवक हो कर भी मालिक होता है । प्रधानमंत्री भी एक हवाई पद है । संविधान उसके बारे में सबसे कम पन्ने खर्च करता है लेकिन सबसे ज्यादा सत्ता उसी के पास है। वे भाषणबाजी की हवाई कला में भी माहिर हैं । वे हवाई दावे कर सकते हैं , हवाई किले बांध सकते हैं । वे फेसबुक, ट्विटर जैसी हवाई माध्यमों में खेलते हैं । उन्हें पता है 140 अक्षरों में "संक्षिप्तीकरण" से अच्छा कोई तरीका नहीं हो सकता । इसीलिए 3डी, 5टी, एफ़डीआई(फ़र्स्ट डवलप इंडिया) जैसे जुमले वे गढ़ते हैं । वे मन की बात करते हैं ...वही हवाई मन जिसे काबू में रखने की सलाह हमारे मनीषियों ने दी है। वे विदेशों की धरती से देश को संबोधित करते हैं ... वे वहाँ रॉक शो करके देश में विपक्ष की हवा निकाल देते हैं। तो बंधुओ वे काम पर हैं । विकास इतना होगा की अब ज़मीन नहीं आसमान पर दिखेगा .........