21 नव॰ 2012

हंगामा है क्यूँ बरपा !

एक भारतीय दांत चिकित्सक महिला की आयरलैंड में इसलिए मौत हो गयी क्यूंकी डॉक्टर ने उसकी जान बचाने के लिए आवश्यक होते हुये भी गर्भपात करवाने से इनकार कर दिया क्यूंकी उसका कानून इसकी इजाज़त नहीं देता। इससे पुनः आइरिश कानून पर बहस छिड़ गयी है और भारत ने तो बकायदा आयरलैंड को सलाह भी दे डाली है की इस मामले की निष्पक्ष जांच करा ली जाए (जैसी की अपने यहाँ के नताओं को आदत सी हो गयी है) अनेक भारतीय समाचार चैनल इस मसले पर हंगामा बरपा रहे हैं । उस महिला की मौत दुर्भाग्यपूर्ण है और वह डॉक्टर तो निश्चित ही निंदनीय है जिसने उसका सही इलाज करने के अपने कर्तव्य का निर्वाह नहीं किया लेकिन ज़रा यहाँ ठहरिए और सोचिए क्या हमें अधिकार है इतना हंगामा खड़ा करने का ?

  • भारत के लोग हर वर्ष लाखों बच्चियों को गर्भ में मार डालते हैं। भारत के छोटे से छोटे कस्बे में अल्ट्रासाउंड सबसे चोखा धंधा है। इसे ले कर किसी डाक्टर को कानून क्या भगवान भी याद नहीं आते। आयरलैंड के डाक्टर कम से कम कानून का तो पालन करते हैं। 
  • भारत में हर वर्ष असुरक्षित प्रसव से लाखों माताओं की मौत होती और लाखों बच्चे मर जाते हैं तब कोई हँगामा नहीं सुनाई देता बस हर दस वर्ष में रस्मी तौर पर जनगणना के आंकड़ों पर बहसें हो जाया करतीं हैं। 
  • भारत में हर वर्ष लाखों बच्चियों की अल्पवयस्क होते हुये भी शादी की जाती है तब कोई हंगामा नहीं होता। 
  • भारत के चौराहों पर, मंदिरों में, और उनके बाहर, रेलवे स्टेशनों पर लाखों बच्चे भीख मांगते हैं पर तब हमें शर्म, गुस्सा या खीज नहीं होती। 
  • भारत के लाखों बच्चे आज भी भूख से मर जाते हैं पर किसी के कण पर जूँ तक नहीं रेंगती । 
  • भारत में हर वर्ष लाखों विवाहित महिलाएं दहेज के लिए मार डालीं जातीं हैं पर हमें फर्क नहीं पड़ता। 
  •  भारत जो एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है ( हम आयरलैंड की कैथोलिक एंगिल से भी आलोचना कर रहे हैं ) औरतों के लिए अलग अलग कानून हैं - हिंदुओं के लिए अलग और मुसलमानों के लिए अलग।
  • भारत में हर वर्ष सैकड़ों लड़कियां इसलिए मार दी जाती हैं क्यूंकी वे अपनी पसंद का जीवन साथी चुन लेतीं हैं। 
इन सबके लिए -----ध्यान से देखिये सरकार नहीं लोग दोषी हैं ----यही सबसे बड़ा भ्रष्ट आचरण है ---- स्विस बैंकों में दौलत जमा करने से बड़ा पाप है अजन्मी बच्चियों की हत्या, पैसे के लिए अपनी पत्नी, बहू की हत्या, धर्म की आड़ में बच्चों को टीकाकरण से दूर रखना, स्त्रियॉं को सामान्य मानव के हकों से दूर रखना। चिंता हमें आयरलैंड के क़ानूनों की नहीं अपने समाज की करनी चाहिए। आयरलैंड का क़ानून ो मुझे स्पष्ट लगा की अगर माँ की जान बचाने के लिए गर्भपात आवश्यक है तो इसकी अनुमति है पर हमारे देश के उन क़ानूनों की चिंता कीजिये जो ऐसे छेद छोड़ देते हैं जिससे उन्हें तोडा जा सके। आइये चिंता करें उन क़ानूनों की जो किसी स्त्री को उसका अधिकार नहीं दे सकते। आयरलैंड को निपटने दीजिये इस मुद्दे से वे इसे अपनी तरह से हल कर ही लेंगे।