5 मार्च 2012

 कपिल देव पूछ रहे हैं सचिन क्यूँ खेल रहे वन डे। अरे भाई भूल गए आप। अरे भाई कई मसले हैं। एक तो खैर आप सही समझे । रिकॉर्ड बनाना है। भूल गए आप अपना ज़माना जब चयनकर्ताओं पर आरोप लगते थे की आपके रिकोर्डों की खातिर ही आप को टीम में बनाए रखा है वरना आपको तो बहुत पहले सन्यास ले लेना चाहिए था। और यह भी की आप के कारण श्रीनाथ को स्पेस नहीं मिलता। हम उस जमाने में क्रिकेट और आपके फैन होते थे । तब मीडिया इतना खूंख़ार नहीं था। सचिन के लिए तो अभी सन्यास लेने का दिन नहीं आया है। भारत की परंपरा के लिए ही वे खेल रहे हैं। भला ऐसा कौन सा महान खिलाड़ी हुआ है भारत में आज तक जिसे बेआबरू कर के कूचे से न निकाला गया हो। रवि शास्त्री, गावस्कर, वेंगी, कपिल, श्रीनाथ, गांगुली, द्रविड़ आदि। सभी को झाड़ू से ही बुहारा गया है। कोई औस्ट्रेलिया तो है नहीं जहां ब्रेडमेन के खिताब को बचाने के लिए खिलाड़ी अपना एक रन कम ले। या फिर किसी खिलाड़ी के सम्मान में पूरा स्टेडियम खड़ा हो जाए और टीम उसे गोद में उठा ले। नहीं हम तो ठहरे कबड्डी वाले। टांग खींचे बिना चैन नहीं। एक मैच हारे तो जूते दूसरा जीते तो फूल। तो भैया कपिल दा आप तो रहने ही दो । अच्छा नहीं लगता। रही बात सचिन की तो जब उनकी तंग बुरी तरह खींच दी जाएंगी वे तब ही सन्यास लेंगे। (खबर दैनिक हिंदुस्तान से साभार)

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